Thursday 28 March 2019

राजनीतिज्ञ कब खेल भावना को अपनाएंगे ?



कुछ अच्छे तरीकों से भी वोट बढ़ सकते हैं।

राजनीति में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा क्यों नही हो सकती है ? देश स्पेस पॉवर बना है ,तो देश की खुशी में अन्य राजनीतिक दल शामिल क्यों नही होते हैं ? क्यों श्रेय की लड़ाई शुरू हो जाती है।

उरी के बाद सर्जिकल स्ट्राईक हुई तो सबूत,पुलवामा के बाद एअर स्ट्राईक हुई तो सबूत मांगे गए। अंतरिक्ष मे सेटेलाइट को मार गिराने की क्षमता  अर्जित कर ली तो कांग्रेस ने कहा कि
ए-सेट मिसाइल की उपलब्धि का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू तथा इंदिरा गांधी को जाता है ,क्योंकिउनके
समय DRDO बना था।

इस बात से कौन इनकार कर रहा है कि जवाहरलाल नेहरू औरइंदिरा जी के समय DRDA बना था।बहस तो इस बात पर है किक्षमता होते हुए भी सैटेलाइट को निशाना बनाने वाला किल व्हीकल बनाने की अनुमति मनमोहन सरकार ने क्यों नही दी थी।

सवाल तो यह भी है कि वैज्ञानिक क्षमता होते हुए भी परमाणु परीक्षण पोखरण में अटल सरकार में क्यों होता है उसकी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों में क्यों नही हुआ ? महाशक्तियों से डर क्यों लगता है कांग्रेसी सरकारों को ? और क्यों भाजपा सरकारें यह सब कर जाती हैं ?

चर्चा चली है तो याद करना अन्यथा नही होगा कि राजा हरिसिंह
के कहने के बाद भी कश्मीर का अन्य राज्यों की तरह भारत में पूर्ण विलय तुरन्त क्यों नही किया गया,क्यों धारा 370 आई,हमारे किसी भूभाग के लिए पाक अधिकृत कश्मीर शब्द आज भी प्रचलित है।

क्यों भाजपा के आगे विशेषण के रूप में राष्ट्रवादी शब्द प्रयोग किया जाता है,क्यों भाजपा को हिंदुत्ववादी कहा जाता है,क्यों कांग्रेस को मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए जाना जाता है ?

बहुत गहन विवेचना आम भारतीय नही कर पाता है,पर जब राष्ट्र के लिए गौरव शाली क्षण आते हैं तभी सबूत मांगे जाते हैं या श्रेय के लिए बचकाना लड़ाई लड़ी जाती है ,तो ऐसा करने वालों के चेहरों से नकाब हटने लगता है।

स्कूलों में जब प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरुस्कार वितरण किये जाते थे तो वक्ता यह जरूर कहते थे कि जिन्हें सफलता नही मिली है वे निराश ना हों ,ओर मेहनत करें और क्षमता बढ़ाइए, भविष्य में आपको भी सफलता मिलेगी।मूल भाव यह होता थी कि उनमें निराशा का या ईर्ष्या का भाव नही आये।पूरी पीढ़ी में खेल भावना का विकास हो।

कांग्रेस और विपक्षी दलों में ,राहुल और केजरीवाल में,ममता ओर मायावती में कब यह खेल भावना आएगी ? कब एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के दृश्य भारत के राजनीतिक परिदृश्य में भी दृष्टिगोचर होंगें ? यदि हो सकेगा तो दुनिया की सर्वोच्च महाशक्ति बनने के लिए 25-30 वर्षों का इंतजार नही करना पड़ेगा।

अंत मे यह जरूर कहना चाहूंगा कि यदि कांग्रेस सर्जिकल स्ट्राईक 1 ओर 2 समर्थन कर देती ओर स्पेस पॉवर बनने पर सरकार को बधाई दे देती तो उसका सम्मान भी बढ़ता ओर कुछ वोट भी।

आखिर में लड़ाई तो वोट की ही है।

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