Thursday 2 May 2019

अभी चुके तो चूकते ही जायेंगे

मसूद अजहर वैश्विक आतंकवादी घोषित हो गया. आश्चर्य है भारत की प्रमुख राजनितिक पार्टी के अध्यक्ष का कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. अन्य राजनितिक दलों  से कैसे उम्मीद करें? 

जनता राहुल की मजबूरी समझती है. युद्ध क्षेत्र में प्रतिद्वंदी  कीतारीफ़ कैसे की जा सकती है?  पर तारीफ़ करना जरुरी कहाँ हैं?  सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट पर एयर स्ट्राइक की भी तो तुरंत सीमित तारीफ कर के कुछ समय बाद प्रमाण मांगना शुरू कर दिए थे. सरकार की नहीं पर सेना की तारीफ तो की थी. अभी भी विदेश विभाग के ब्यूरोक्रेट्स की तारीफ कर देते, अमेरिका को श्रेय दे देते, कुछ नहीं तो अब होगा न्याय की तर्ज पर चीन ने न्याय किया है कहते हुए असली श्रेय उसे दे देते.


लगता है की कांग्रेस के वॉर रूम के लड़ाके थक गए हैं . एक लड़ाके तो भोपाल में सीधे "हिन्दू आतंकवादी (? )"के खिलाफ युद्ध रत हैं. स्वाभाविक है उनसे अपेक्षा नहीं की जा सकती थी. किन्तु बाकी लोग कहाँ हैं?  और  यह कोई आकस्मिक होने वाली एयर स्ट्राइक तो थी नहीं. 1-2दिन पहले से खबर थी. और चीन दूतावास से तो राहुल जी के भी सम्बन्ध हैं. वहां तो उनका आना जाना हैं. उन्ही से पूछ लेते क्या होने जा रहा है?


हाँ यह जरूर हो सकता है की दिल्ली के लड़ाके सुप्रीम कोर्ट में व्यस्त हों. आखिर जब शहजादे ही घीरे  हों तो रणनीति यहीं कहती है की सबसे पहले उन्हें ही बचाया जाएं. दीक्कत तो यहीं है की शहजादे अभी युद्ध करना सिख रहे हैं. अभी भी छोटी बड़ी गलतियां कमोबेश रोज हों जाती हैं. तो किधर किधर ध्यान दें महारथी.अब सुप्रीम कोर्ट का भरोसा रहा नहीं. कब क्या न्याय कर दें. अब होगा न्याय की तर्ज पर नागरिकता पर कोई फच्चर फंस गया तो क्या होगा?  जमानत पर पहले से हैं.अवमानना प्रकरण में ऐसे कोई कोर्ट व्यवहार करता है क्या?


शायद लड़ाके सोच रहे होंगे अब ज्योतिषियों की ही बातें मान लें. अभी दिन अच्छे नहीं चल रहे है. इंग्लैंड तक के कोर्ट माल्या और नीरव को छोड़ नहीं रहे हैं, नहीं तो कुछ बड़े शस्त्र  मिल जाते. भारत के कोर्ट भी न्याय करने पर तुले हैं. ज्योतिषियों के अनुसार कुछ दिन रुक जाएं तो उसीमे भला है. 23 मई  के बाद सबका जबाव दें देंगे. सत्ता है तो सब कुछ है. तब अच्छे से जवाब दें देंगे.


ख्याल तो अच्छा है पर जनता परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिका में चार पन्ने जोड़ने को तैयार नहीं है. परीक्षा तो 23 के पहले के पाठ्यक्रम  पर ही होगी और मूल्यांकन भी मॉडल आंसर  के आधार पर.

अभी चुके तो चूकते ही जायेंगे.

1 comment:

  1. बहुत बढ़िया भैया।
    इमरान के कथन का कि कश्मीर समस्या का हल एनडीए सरकार बनने पर संभव है, अन्यथा अर्थ निकाला जा चुका है।
    अब चीन भी चुनाव के समय हेल्पिंग हैंड दिखा रहा है ऐसा कुछ कहेंगे।

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